मंगलवार, 28 अप्रैल 2009

पंजीकृत सोसायटियों पर कसेगी लगाम

मनमानी करने वाली संस्थाओं पर प्रशासक तैनात होंगे
विभिन्न स्कूल संचालित करने वाली सोसायटियों की निरंकुशता से परेशान सरकारों ने अब उन पर लगाम कसने की तैयारी कर ली है। इसकी पहल राजस्थान से होने जा रही है। पिछले दिनों राजस्थान में स्कूल फीस में मनमाने तरीके से बढ़ोत्तरी करने के मामले को लेकर छिड़ी बहस के बाद भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक अधिकारी ने यह प्रस्ताव रखा कि क्यों न ऐसी सोसायटियों पर सरकारी प्रशासक तैनात कर दिए जाएं? राज्य सरकार ने इस पर अपनी सहमति जताते हुए जल्द ही प्रस्ताव भेजने की बात कह कर अपना रवैया इस मसले पर साफ कर दिया है।

जयपुर में सचिवालय के गलियारों तक निकल कर आई आहटों से पता चला कि सबसे पहले अजमेर जिला प्रशासन की ओर से इस आशय का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है। इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद ऐसी कुछ रजिस्टर्ड सोसायटियों में प्रशासक की नियुक्ति हो जाएगी। राजस्थान में निजी स्कूलों का संचालन करने वाली अनेक सोसायटियां राज्य सरकार से अनुदान प्राप्त करती हैं। इन सोसायटी से संबंधित स्कूलों में शिक्षकों, कर्मचारियों सहित सरकार से भी किसी न किसी मसले पर विवाद होते रहते हैं। गंभीर मामलों में अदालती कार्यवाही की नौबत आ जाती है और इसका खामियाजा विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को भी भुगतना पड़ता है। राजस्थान में इन दिनों तेज गर्मी के कारण स्कूल टाइम को लेकर ही विवाद है। सरकार को इसमें भी दखल देना पड़ा है।

कुल मिलाकर मनमानी करने वाली संस्थाओं को लेकर सरकार ने कड़ा कदम उठाने का मानस बना लिया है। प्रदेश की राजधानी जयपुर में स्कूल फीस को लेकर उठे बवाल का निपटारा अभी तक नहीं हो सका है। अजमेर में अग्रवाल और गुरूनानक स्कूल के प्रबंधकों और कर्मचारी शिक्षकों के बीच चले विवाद ने सरकार को काफी परेशान कर रखा है। उधर टोंक, भीलवाड़ा और नागौर के कुछ स्कूलों में भी विवाद के चलते स्कूलों की शैक्षिक और आर्थिक हालत खराब है। आंदोलन और शिकायतों के कारण पढऩे-पढ़ाने का काम प्रभावित है। प्रदेश का शिक्षा विभाग इस हालात से काफी चितिंत है और प्रशासनिक अधिकारियों से स्थिति पर अंकुश लगाने के तरीकों की चर्चा में लगा है।

अजमेर के संभागीय आयुक्त अर्थात डीवीजनल कमीशनर से जब इस संबंध में सम्पर्क किया गया तो उनका का कहना था कि इस बारे में शिक्षा विभाग के अधिकारियों से चर्चा हुई है उनके प्रस्ताव के आधार पर ऐसी सोसायटियों पर प्रशासक की नियुक्ति के लिए सरकार को लिखा जा रहा है। फिलहाज लोकसभा चुनाव के चलते कुछ समय लग रहा है, चुनाव के बाद इसे सही गति मिल जाएगी।

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